Friday, 22 July 2011

शंकराचार्य मठ में भागवत ज्ञान यज्ञ

जन-जन में जनार्दन
नैनोद.
गोपियों की समाधि चेतन समाधि है। वे खुले कान और खुली आंखों से ही कृष्ण के ध्यान में तन्मय हो जाती हैं। जहां-जहां उनकी दृष्टि जाती है कृष्ण के दर्शन होते हैं। 'यत्र-यत्र मनोयाति तत्र-तत्र माधव:...।Ó समाधि ऐसी ही सरल होनी चाहिए। उद्धव की निर्गुण ब्रह्मï की उपासना की बात सुनकर गोपियों ने कहा था हम तो सभी में कृष्ण देखते हैं, क्योंकि जन-जन में जनार्दन हैं।
शंकराचार्य मठ (नैनोद) में आयोजित भागवत ज्ञानयज्ञ में सोमवार को ये बात ब्रह्मïचारी गिरीशानंदजी ने कही। शंकराचार्य भक्त मंडल के यौवन पटेल, राधेश्याम राठौर, भगवानसिंह राठौर, प्रतिपालसिंह टुटेजा, जीतू बिजौरिया और राकेश बड़ौदिया ने व्यासपीठ का पूजन किया। शुरुआत में पीठ पंडित संजय शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चार किया।